उत्तराखंड

करन और यशपाल आर्य की ताजपोशी कार्यक्रम से नदारद रहे कांग्रेस के आधे से अधिक विधायक

देहरादून। प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य की ताजपोशी कार्यक्रम से कांग्रेस के आधे से अधिक विधायक नदारद रहे। इसको लेकर जितने मुंह उतनी बातें हो रही हैं। ये बात अलग है कि कार्यक्रम में विधायकों की अनपुस्थिति को लेकर पार्टी के पास अपने तर्क हैं।

रविवार को कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने विधिवत कार्यभार संभाल लिया है। इस ताजपोशी कार्यक्रम में दिग्गज नेता एवं चकराता से विधायक प्रीतम सिंह समेत 11 विधायक नदारद रहे। सोमवार को नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य की ताजपोशी में 10 विधायक नहीं आए।

पार्टी के 19 में से आधे से अधिक विधायकों के बड़े कार्यक्रम से नदारद रहने से स्पष्ट होता है कि पार्टी विधायकों को मनाने में नाकाम रही है। माना जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष एक ही क्षेत्र से बनाए जाने से उत्पन नाराजगी अभी दूर नहीं हो सकी है।

इसके अलावा दिल्ली वालों की बयानबाजी ने नाराजगी की आग में घी का काम कर दिया। धारचूला से विधायक हरीश धामी के बगावती तेवर तो अभी भी जारी हैं। उन्होंने 2027 का चुनाव कांग्रेस के सिंबल से लड़ने का ऐलान तक कर दिया है।

ऐसे में समझा जा सकता है कि विधायकों के मन में आखिर चल क्या रहा है। उनका अगला कदम क्या हो सकता है। कुछ विधायकों के बारे में भाजपा के खेमे से भी कई खबरें आ रही हैं। इसको लेकर जितने मुंह उतनी बातें भी हो रही हैं।

पार्टी के उक्त दोनों बड़े कार्यक्रमों से आधे से अधिक विधायकों की अनुपस्थिति पर कांग्रेस के नेता तर्क दे रहे हैं। किसी के स्वास्थ्य, किसी के क्षेत्र में हादसा, किसी का पूर्व निर्धारित कार्यक्रम बताया जा रहा है। इन तर्कों में बहुत ज्यादा दम नजर नहीं आ रहा है। सच ये है कि कांग्रेस के भीतर फिलहाल ऑल इज नॉट वेल चल रहा है।

ये भी सच है कि विधायकों की नाराजगी को दूर करने के लिए पार्टी हाईकमान के स्तर से भी खास प्रयास अभी तक नहीं हो सके हैं। जिम्मेदार नेताओं के तेवर वाले बयान तो एक तरह से और मुश्किलें बढ़ा रहे हैं।

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