उत्तराखंड

प्रत्याशियों को लेकर राजनीतिक दलों का होमवर्क पूरा, आम आदमी पार्टी ने बनाई बढ़त

देहरादून। 70 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों को लेकर अधिकांश राजनीतिक दलों का होमवर्क पूरा कर लिया। नामों के ऐलान में आम आदमी पार्टी बढ़त बनाए हुए है। जबकि कांग्रेस और भाजपा में प्रत्याषियों के नामों का ऐलान होना शेष है।

राज्य में 14 फरवरी को मतदान होना है। अगले सप्ताह से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। कांग्रेस, भाजपा ने प्रत्याशियों के नाम लगभग तय कर दिए हैं। अब ऐलान होना शेष है। प्रत्याशियों के ऐलान के मामले में आम आदमी पार्टी आगे चल रही है। पार्टी अधिकांसी सीटों पर प्रत्याशियों को उतार चुकी है।

शुक्रवार को देहरादून में हुई भाजापा कोर ग्रुप की बैठक में पर्ववेक्षकों द्वारा सौंपे गए पैनल को शॉर्ट लिस्ट किया गया। बताया जा रहा है कि बैठक में 48 सीटों पर किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हुई और नाम तय कर मुहर के लिए संसदीय बोर्ड के सम्मुख रखे जाएंगे।

22 सीटों पर कोर ग्रुप की बैठक में चर्चा हुई मगर, दो-तीन मजबूत दावेदारों के साथ ही कुछ अन्य वजहों से इस मामले को भी हाईकमान के लिए छोड़ दिया गया। इसमें करीब डेढ़ दर्जन सिटिंग विधायक भी शामिल हैं। साथ ही तीन नेताओं की सीट बदलने का मामला भी शामिल है। कुछ सीटों ने भाजपा के राज्य संगठन का टेंशन बढ़ा दिया है।

दिग्गज नेता डा. हरक सिंह रावत को लेकर टेंशन कुछ ज्यादा ही दिख रहा है। कुल मिलाकर 22 सीटों पर हाईकमान का वीटो ही काम करेगा। इस बीच, भाजपा में टिकट कटने की स्थिति में बगावत के स्वर अभी से उभरने लगे हैं। दिल्ली दौड़, देहरादून में बैठक और बयान भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं।

इसके बहाने पार्टी की तमाम बातें बाहर निकल रही हैं। यही वजह है कि प्रत्याशियों के नाम के ऐलान के भाजपा संभल-संभलकर कदम बढ़ा रही है।

कांग्रेस ने भी 70 में से अधिकांश सीटों पर प्रत्याशियों के नाम पर मुहर लगा दी है। दिल्ली में कई दौर की बैठक के बाद अब दो दर्जन सीटों पर प्रत्याशियों के नाम तय होना शेष है। कुछ सीटों पर अभी तक पार्टी ने खास रणनीति के तहत पत्ते नहीं खोले हैं।

संभव है कि आज कल में कांग्रेस 40-50 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दे। शेष 20-30 सीटों पर वेट एंड वाच की स्थिति रखी जाएगी। इस बीच टिकट कटने की आशंका के चलते पार्टी के कई दिग्गजों बगावती स्वर सामने आने लगे हैं।

कुल मिलाकर भाजपा और कांग्रेस में टिकटों को लेकर इस बार खास तरह का घमासान है। पार्टी के स्तर पर इसे मैनेज करने के प्रयास का खास असर देखने को नहीं मिल रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *