उत्तराखंड

मॉ की प्रेरणा से पर्यावरण संरक्षण को कटिबद्ध यशपाल नेगी

ऋषिकेश। मॉ ने प्रकृति से परिचय कराया। पेड़-पौधों की कहानी सुनाई और जीवन के अस्तित्व में इनका महत्व बताया। मॉ से मिली इस सीख को बेटे ने अपनी जीवन में उतारा और पर्यावरण संरक्षण में जुट गया।

जी हां, ये कहानी है विस्थापित क्षेत्र कोटी अठूरवाला के यशपाल नेगी की। पहाड़ों की आबोहवा, मैदान की उर्वरकता और जल राशियों की शुद्धता के लिए कटिबद्ध एक व्यक्ति पिछले 25 सालों से इस दिशा में बगैर किसी हो हल्ला के काम कर रहा है।

यशपाल बताते हैं कि मॉ से मिली प्रेरणा से वो काम कर रहे हैं। नेगी तेजी से छीजती आदर्श पर्यावरणीय स्थिति से चिंतित नेगी अपने स्तर पर पर्यावरण संरक्षण हेतु धरातलीय काम कर रहे हैं।

न नाम का लोभ और प्रचार-प्रसार के टेंशन से दूर प्रकृति का ये पूजारी अपने स्तर से बहुत कुछ कर चुका है। महीने में एक बार मैदान और एक बार पहाड़ पर वृक्षारोपण व छह माह में नदियों के आसपास स्वच्छता कार्यक्रम नेगी नियमित करते हैं।

तेजी से समाप्त होती नदियों को लेकर नेगी खासे चिंतित हैं। नदियां सदानीरा बनी रहें इसके लिए अपने स्तर से जो संभव हो करते हैं। लोगों को प्रेरित करते हैं। अब लोग समझने लगे और जुट भी रहे हैं।

यशपाल नेगी अभी एक हजार से अधिक पेड़-पौधे अपने घर पर व चार हजार से अधिक पेड़-पौधे पहाड़ों पर लगा चुके हैं। ये कार्य उन्होंने अपने संसाधनों से किया। इस कार्य को एक प्लेटफार्म के माध्यम से अंजाम देने के उददेश्य करीब 24 साल बाद नेगी ने स्वयं सेवी संस्था बनाई है।

नेगी बताते हैं कि संस्था का एक मात्र उददेश्य पर्यावरण संरक्षण है। बच्चे, युवा संस्था से जुड़ रहे हैं और काम में रूचि दिखा रहे हैं।

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