उत्तराखंड

2015 में हुई पुलिस दरोगा भर्ती मामले में विजिलेंस को मुकदमा दर्ज करने की अनुमति

देहरादून। वर्ष 2015/16 में पुलिस विभाग में हुई 339 दरोगाओं की भर्ती मामले में शासन ने मुकदमा दर्ज करने की अनुमति दे दी। इसके साथ ही आधा दर्जन से अधिक दरोगाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना तय हो गया है।

उल्लेखनीय है कि विजिलेंस इस मामले की जांच कर रही है। जांच में ये तथ्य सामने आया है कि कुछ अभ्यर्थियों की ओएमआर सीट में खुर्दबुर्द हुई है। यानि कुछ अभ्यर्थी खुर्दबुर्द कर दरोगा बनने में सफल रहे। प्रशिक्षण के बाद सेवा में आए ऐसे कुछ दरोगाओं को लेकर विभाग में चर्चाएं भी होती रही हैं। बताया जा रहा है कि इतने सालों की सेवा के बाद भी ऐसे दरोगा विभाग के सामान्य कामकाज को भी अंजाम नहीं दे पाते।

यूकेएसएसएससी की कुछ भर्तियों को लेकर एसटीएफ द्वारा की जा रही जांच के दौरान गिरफतार हुए कुछ लोगों ने दरोगा भर्ती को लेकर भी कई राज उगले थे। इसके बाद शासन ने दरोगा भर्ती मामले की जांच विजिलेंस को सौंपी थी। 2015 में पंजनगर विश्वविद्यालय के स्तर से दरोगा भर्ती परीक्षा कराई गई थी।

प्रारंभिक जांच मे ंसामने आए तथ्यों के बाद विजिलेंस ने शासन से मामले में मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मांगी थी। शुक्रवार को शासन ने विजिलेंस को मुकदमा दर्ज करने की अनुमति भी दे दी। दरोगा भर्ती मामले में मुकदमे की अनुमति मिलते ही विजिलेंस करीब आधा दर्जन दरोगाओं के खिलाफ आज कल में मुकदमा दर्ज करा सकती है। जांच में ये संख्या और बढ़ सकती है। इस प्रकार के संकेत भी मिलने लगे हैं।

विजिलेंस को मुकदमा दर्ज करने के अनुमति मिलते ही पुलिस मुख्यालय भी अलर्ट हो गया है। माना जा रहा है कि मुकदमा दर्ज होते ही पुलिस विभाग भी संबंधित दरोगाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है।

 

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