उत्तराखंड

उत्तराखंड में नया भू-कानून लागू, 11 जिलों में बाहर के लोग नहीं खरीद सकेंगे जमीन

ऋषि टाइम्स न्यूज

देहरादून। राज्य में नया भू-कानून लागाू हो गया है। अब राज्य के 11 जिलों में अब बाहर के लोग जमीन नहीं खरीद पाएंगे। इस आशय के नए भू-कानून को राजभवन में मंजूरी दे दी है। उम्मीद है कि इस नए भू-कानून से पर्वतीय क्षेत्रों में जमीनों की बेतहाशा खरीद फरोख्त पर रोक लगेगी।

उल्लेखनीय है कि राज्य गठन के बाद चार मैदानी जिलों और पर्वतीय क्षेत्रों में जमीनों की बेतहाशा खरीद फरोख्त हुई। बाहर के लोगों ने पैंसे के दम पर स्थानीय लोगों को एक तरह से भूमिहीन बना दिया है। इसके परिणाम भी अब गांवों में दिखने लगे हैं।

जागरूक लोग कई बार इस पर चिंता व्यक्त करते रहे हैं। सरकारों ने भी समय-समय पर कठोर कानून बनाने की बात कही। साथ ही कई बार विकास के नाम पर शिथिलता भी दी। परिणाम उत्तराखंड में कूड़ी-पुंगड़ी दोनों पर संकट आ गया। साथ ही लगातार उत्तराखंड की डेमोग्राफी चेंज हो रही थी।

बहरहाल, जनदबाव के बाद धामी सरकार ने कड़ा भू-कानून बनाने की बात कही। इस भू कानून पर राजभवन ने अपनी मोहर लगा दी है। उत्तराखंड (उत्तरप्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950) संशोधन विधेयक 2025 को राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद कानून बन गया है।

राज्य में हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिले को छोड़कर शेष 11 जिलों में कोई भी बाहरी व्यक्ति कृषि-बागवानी के लिए भूमि नहीं खरीद सकेगा। सशक्त भू कानून बनने से हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में कृषि-औद्यानिकी की जमीन खरीदने के लिए जिलाधिकारी के स्तर से अनुमति नहीं मिलेगी, इसके लिए शासन स्तर से ही अनुमति की प्रक्रिया पूरी हो सकेगी।

नगर निकाय क्षेत्रों को छोड़कर बाकी जगहों पर बाहरी राज्यों के व्यक्ति जीवन में एक बार आवासीय प्रयोजन के लिए 250 वर्ग मीटर भूमि खरीद सकेंगे। इसके लिए उन्हें अब अनिवार्य शपथपत्र देना होगा। औद्योगिक प्रयोजन के लिए भूमि क्रय के नियम यथावत रहेंगे। भू-कानून का उल्लंघन होने पर भूमि सरकार में निहित होगी।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *