दो पूर्व मुख्यमंत्री और डोईवाला विधानसभा
ऋषिकेश। दो पूर्व मुख्यमंत्रियों का डोईवाला विधानसभा से खास संबंध है। समर्थकों और वोट का गणित भी काफी हद तक दोनों के इर्द-गिर्द दिखता और महसूस होता है। बावजूद इसके इस बार राजनीतिक हवा कई और से भी टकरा रही है।
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में क्षेत्रीय सांसद डा. रमेश पोखरियाल निशंक 2012 में डोईवाला से विधायक चुने गए थे। 2014 में वो सांसद बने तो ये सीट छोड़ दी। उपचुनाव में भाजपा ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को मैदान में उतारा तो वो चुनाव हार गए।
2017 में त्रिवेंद्र ने यहां से विधायक चुने गए और राज्य के मुख्यमंत्री बनें। 2005 और 2007 में भी रावत डोईवाला से विधायक रहे। इस तरह से दो मुख्यमंत्रियों का डोईवाला से खास संबंध बन गया है। दोनों एक ही राजनीतिक दल से हैं । समर्थक और वोट का गणित भी काफी हद तक दोनों के इर्द-गिर्द दिखता और महसूस होता है।
भाजपा संगठन इससे कंफर्ट महसूस करता है। मगर, इस बार ऐसा दूर-दूर तक नहीं दिख रहा है। दरअसलल इस बार राजनीतिक हवा इन दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के अलावा कहीं और से भी टकराकर जनता के बीच पहुंच रही है।
कांग्रेस के दिग्गज एवं पूर्व सीएम हरीश रावत का यहां लगातार मूवमेंट है। कांग्रेस का यहां वोट भी ठीक है। निकाय चुनाव में कांग्रेस भाजपा को मात भी दे चुकी है।
यूकेडी ने खासी सक्रिय है। यही वजह है कि पिछले पांच-छह माह में डोईवाला में राजनीतिक माहौल एकदम से बदल गया है। यहां दिखने वाली सत्ता की ठसक तो सिरे से गायब है। इसको लेकर तमाम राजनीतिक चर्चाएं भी हैं।