इस बार बदला-बदला लग रहा डोईवाला विधानसभा का मूड़
डोईवाला। डोईवाला विधानसभा का मूड़ इस बार बदला-बदला सा लग रहा है। सत्ताधारी हो या विपक्ष हर धरातल पर हर किसी को इसका भान हो चुका है। तमाम सर्वे में इस प्रकार की फीडबैक भी मिलने लगे हैं।
2017 में भाजपा यहां कांटे के मुकाबले में जीती। 2012 में ऐसा ही हुआ। उपचुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। 2018 में भाजपा के सत्ता में रहते हुए पार्टी यहां लोकल बॉडी चुनाव हार गई। तब यहां के विधायक राज्य के मुख्यमंत्री थे।
अब 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारी है। पिछले एक साल से डोईवाला का मूड़ बदला-बदला लग रहा है। यहां विकास की गंगा बहानी की बात हुई। मगर, जन विश्लेषण में यहां तमाम अन्य कहानियां सामने आ रही हैं। यही वजह है कि इस बार डोईवाला को लेकर कुछ भी दावा करना जल्दबाजी होगा।
धरातल पर काम करने वाले विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता और कार्यकर्ता मानने लगे हैं कि इस बार मुकाबला टफ होगा। बड़ी औहदेदारी संभाल चुके नेताओें को भी इसका भान होने लगा है। यूकेडी ने यहां मजबूत पकड़ बनाई है। तमाम छोटे-बड़े मुददे उठाकर और जनता के साथ लगकर यूकेडी ने यहां अच्छा माहौल बना दिया है। ऐसे में बड़े राजनीतिक दलों के लिए चुनाव आसान रहने वाला नहीं है।