तीर्थ पुरोहितों की नाराजगी चुनाव में पड़ेगी भारी
देवप्रयाग। देवस्थानम एक्ट को लेकर तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारियों की नाराजगी चुनाव में भारी पड़ने वाली है। करीब आधा दर्जन विधानसभा क्षेत्रों में इसके संकेत भी मिलने लगे हैं। देवस्थानम एक्ट पर मुख्यमंत्रियों की हां पर हां मिलाने वाले भाजपा के कई विधायकों को ये भारी पड़ने वाला है।
देवस्थानाम एक्ट को लेकर तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारियों के विरोध को भाजपा सरकार खास तवज्जो देने के मूड़ में नहीं हैं। भाजपा ने दो मुख्यमंत्री बदले। मगर, देवस्थानम एक्ट पर पार्टी की सरकार टस से मस नहीं हो रही है।
हैरान करने वाली बात ये भी है कि संबंधित क्षेत्रों के भाजपा विधायक भी इस मामले में कभी जनता के साथ नहीं दिखे। अब चुनाव में तीर्थ पुरोहितों की नाराजगी उक्त विधायकों को भारी पड़ने वाली है।
तीर्थ पुरोहितों के आरोप रहे हैं कि भाजपा सरकार इस मामले में उनके विरोध को लेकर भ्रम फैला रही है। भाजपा की ये मंशा कभी पूरी नहीं होगी। भाजपा के कुछ बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप भी लग रहे हैं।
तीर्थ पुरोहितों के इन आरोपों को एक बड़े समाज में मान्यता भी मिल रही है। अंदरखाने इसको लेकर बड़ी नाराजगी है। ऐसे आरोप अक्सर राजनीतिक दलां और उनके नेताओं को भारी भी पड़ता रहा है। ऐसा ही इस बार होता दिख रहा है।
परिणाम संबंधित क्षेत्रों में भाजपा के खिलाफ माहौल बन गया है। भाजपा के नेता इसे फिलहाल हल्के में ले रहे हैं। कुल मिलाकर तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारियां की नाराजगी 2022 के विधानसभा चुनाव में चटक तरीके से दिखेगी।
करीब आधा दर्जन विधानसभा क्षेत्रों में इसके संकेत मिलने लगे हैं। इतनी ही और विधानसभा क्षेत्रों में भी ये मुददा सीधे-सीधे असर डालेगा।