उत्तराखंड

श्री बदरीनाथ के मास्टर प्लान को लेकर तीर्थ पुरोहित आशंकित

देवप्रयाग। श्री बदरीनाथ धाम के प्रस्तावित मास्टर प्लान को लेकर तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी आशंकित हैं। शासन/ प्रशासन का रवैया आशंका को और बलवती कर रहा है।

श्री बदरीनाथ धाम में आवाजाही प्रतिबंधित है। इसी दौरान जिला प्रशासन शासन के निर्देशों के तहत श्री बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान पर धरातलीय कवायद कर रहा है। जिला प्रशासन के स्तर से बड़े स्तर पर हो रही कवायद से तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी आशंकित हैं।

श्री बदरीनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों की सतयुग के तीर्थ देवप्रयाग में हुई बैठक में मास्टर प्लान को लेकर आशंका व्यक्त की। कहा कि जिला प्रशासन चिन्हित भूमि/भवन के मालिकों को श्री बदरीनाथ बुला रहा है। जबकि आवाजाही प्रतिबंधित है।

तीर्थ पुरोहितों ने सवाल उठाया कि आखिर ऐसे समय में मास्टर प्लान के धरातलीय काम क्यों किए जा रहे हैं। इसके पीछे आखिर मंशा क्या है। मांग की कि पहले पूरे मास्टर प्लान को पब्लिक डोमेन में लाया जाए। ताकि लोग समझ सकें।

मांग की गई कि मास्टर प्लान में अधिग्रहित भूमि/भवन के बदले बदरीनाथ में ही भूमि और आठ गुना मुआवजा भी दिया जाए। साथ ही कहा कि जिन तीर्थ पुरोहितों के पास श्री बदरीनाथ में भूमि/भवन जैसी संपत्ति न हो उनके बारे में भी सोचना होगा। वजह उनकी संपत्ति पुरोहिताई है और उनकी कई पीढ़ी यहां की सेवा में हैं।

चारधाम तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत के अध्यक्ष कृष्ण कांत कोटियाल का कहना है कि मास्टर प्लान को लेकर जिस प्रकार कर रवैया जिला प्रशासन का है वो तीर्थ पुरोहितों की चिंता बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारियों की शर्त पर ही स्वीकार होगा। इस बात से शासन/प्रशासन को अवगत करा दिया गया है।

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