ऋषिकेश के आश्रम एवं धर्मशालाओं को खुर्दबुर्द करने वालों के मंसूबे नहीं होंगे पूरेः अनिता ममगाईं
ऋषिकेश। तीर्थ नगरी ऋषिकेश के आश्रमों और धर्मशालाओं को खुर्दबुर्द करने के मंसूबे पालने वालों को सफलता नहीं मिलेगी। नगर निगम इस पर कड़ा एक्शन लेगा। इसको लेकर नगर निगम के स्तर से तैयारियों शुरू कर दी गई हैं।
तीर्थनगरी ऋषिकेश की पहचान आश्रम और धर्मशालाएं विभिन्न तरीकों से तेजी से सिमट रही हैं। राज्य गठन के पहले 15 सालों में कई आश्रम और धर्मशालाओं का अस्तित्व समाप्त हुआ है। इन दिनों कलकत्ता वाली धर्मशाला का मामला सामने आ रहा है। इसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।
शनिवार को नगर निगम में मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं ने अपर आयुक्त नरेंद्र सिंह क्वीरियाल की मौजूदगी में निगम अधिकारियों की बैठक ली। इस दौरान मेयर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि निगम प्रशासन आश्रमों और धर्मशालाओं पर गिद्ध दृष्टि डालने वालों के मंसूबे कामयाब नही होने देगा।
तीर्थ नगरी क्षेत्र में धार्मिक संस्थाओं की संपत्तियों और धर्म शालाओं को खुर्द-बुर्द करने के मामले में कलकत्ता वाली धर्मशाला का मामला उजागर होने के बाद महापौर अनिता ममगाई ने कहा कि अधिकांश मामले नगर निगम गठन से पहले के हैं। इन सभी मामलों की जांच कराई जा रही है।
कहा कि जो भी मामले सामने आ रहे हैं उन एक्शन लिया जायेगा। कहा कि निगम के अस्तित्व में आने से पूर्व यदि शहर के अधिकांश आश्रमों एवं धर्मशालाओं को खुर्द बुर्द कर ठिकाने ना लगाया होता तो आज चारधाम यात्रा में हजारों श्रद्वालुओं को खुले आसमान के नीचे सोने के लिए विवश ना होना पड़ता।
उन्होंने कहा कि शहर की धर्मशालाएं यात्रियों के ठहरने के लिए बनवाई गई हैं उन्हें निगम प्रशासन ठिकाने नही लगाने देगा। उन्होंने बैठक के दौरान निगम के नगर आयुक्त रहे अपर आयुक्त नरेंद्र सिंह क्वीरियाल द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान आश्रमों एवं धर्मशालाओं को खुर्द बुर्द होने के लिए किए गये प्रयासों की मुक्त कंठ से सराहना भी की।
इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से यात्रा का फीडबैक लेकर उन्हें व्यवस्थाओं को और बेहतर करने के लिए भी निर्देशित किया।बैठक में अपर आयुक्त नरेंद्र क्वीरियाल, नगर आयुक्त गिरीश चन्द्र गुणवंत, अधिशासी अभियंता विनोद जोशी आदि मोजूद रहे।