ऋषिकेश

रानीपोखरी मे सतगुरु के पावन दर्शनों से पुलकित हुए श्रद्धालु

रानीपोखरी। राजकीय रेशम फॉर्म रानीपोखरी ब्रांच भोगपुर में सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता जी के सानिध्य में आयोजि समागम में हजारों श्रृद्धालु दर्शन और पावन प्रवचन से निहाल हुए।

संत समागम में विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए सतगुरु माता सुदीक्षा जी ने कहा कि ये जो मानव तन हमें परमात्मा की कृपा से प्राप्त हुआ है उसकी पहचानकर वास्तविक मुनष्य बनकर जीवन जिए।

उन्होंने कहा कि परमात्मा ने इस संपूर्ण सृष्टि और हम इंसानों की रचना की है।उसकी जानकारी ब्रह्मज्ञान से प्राप्त करके उसे हृदय में बसाकर ही भक्तिमय जीवन का आनंद प्राप्त किया जा सकता है। इस परमात्मा के एहसास में जितना अधिक हम रहेंगे उतना ही अधिक मानवीय गुण हमारे जीवन में आते रहेंगे और हमारा मन प्रेमाभक्ति में तल्लीन रहेगा।

प्रेम के भाव को बताते हुए माता जी ने फरमाया की जब हमारे मन में केवल प्रेम का ही भाव रहेगा तो हम स्वयं ही प्रेम बन जायेंगे तथा सभी को प्रेम ही बाटेंगे। फिर कोई अच्छा कहे या बुरा हमारी वाणी से केवल प्रेम रूपी शब्द ही निकलेंगे क्योंकि जब हम भक्त हैं तो केवल कुछ पलों के भक्त नहीं अपितु हर समय के भक्त बन जाते हैं।

जब हर कार्य इस परमात्मा के एहसास में किया जाए फिर चाहे अपने आसपास के दोस्तों मित्रों के घर परिवार के अंदर भी हम रोजाना जिंदगी के ही कुछ पहलू क्यों नहीं बिता रहे हो हमारे आचरण में जब प्यार है, मन में प्यार है तो वह कार्य भी सेवा बन जाता है ।

जब इस निराकार के दर्शन हो जाते है तो फिर जीवन कैसा भी हो, कोई भी स्थिति हो एक आनंद की अवस्था में ही हमारा जीवन कट जाता है।

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