ऋषिकेश

कांग्रेस ने रमोला ने बताया कौन है त्रिवेणी घाट पर काम रूकवाने के लिए जिम्मेदार

ऋषि टाइम्स न्यूज

ऋषिकेश। गंगा की जलधारा को त्रिवेणी घाट पर लाने के लिए हो रहे कार्य को रोकना दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके लिए भाजपा की अंदुरूनी राजनीति जिम्मेदार है। इसका खामियाजा शहर 20 सालों से भुगत रहा है।

ये कहना है कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयेंद्र रमोला का। उन्होंने कहा कि जी 20 देशों डेलीगेटस यहां त्रिवेणी घाट पर गंगा आरती में शिरकत करने आ रहे हैं। इसके लिए ऋषिकेश की देहरादून मार्ग, हरिद्वार मार्ग सहित घाट रोड व त्रिवेणी घाट पर बड़े स्तर पर सौंदर्यीकरण कार्य रात दिन गतिमान है।

जानकारी मिली कि त्रिवेणी घाट पर गंगा के जल को घाट पर लाने के लिये पक्के पुस्ते डालकर कार्य किया जा रहा था परन्तु एक दिन पूर्व क्षेत्रीय विधायक व मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल द्वारा यह कार्य रोका गया।

जिसकी सूचना कार्य कर रहे ठेकेदारों ने मुझे मौक़े पर बुलाकर दी और बताया कि विभाग द्वारा यह कार्य हमें मौखिक रूप से करने को कहा गया और अब तक लाखों रूपये हमारे इसमें लग चुके हैं परन्तु अब कार्य अधूरा छूटने पर हमारा बहुत नुक़सान हो गया है और मौक़े पर नदी में पुस्ते की सैटरिंग लगी हुई है और काम बंद करवा दिया गया ।

रमोला ने कहा कि ज़िलाधिकारी संज्ञान लें कि किसने ये कार्य करने को कहा और क्यों ये कार्य रोका गया। क्योंकि गंगा जल को घाट पर लाने की मांग वर्षों से ऋषिकेश विधानसभा की जनता की रही है और पार्टी के घोषणापत्र में भी ये माँग हमेशा से हर चुनाव में सम्मिलित रहती है परन्तु कार्य धरातल पर कभी नहीं हो पाता है।

सौभाग्य से जी20 के तहत यह कार्य होने जा रहा था उसको भी जानकारी के अनुसार क्षेत्रीय विधायक द्वारा रुकवाया गया जो कि कहीं ना कहीं ये दर्शाता है कि मेयर और विधायक की आपसी खींचतान से ऋषिकेश के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं । मुख्यमंत्री से माँग है कि उक्त प्रकरण की जाँच करें और कार्य करवाने वाले नकारिये रुकवाने वाले व्यक्तियों पर कार्यवाही करें और ठेकेदारों का भुगतान इनकी व्यक्तिगत कमाई से किया जाय इसमें जनता के टैक्स से इकट्ठा किये गये सरकारी धन से भुगतान ना किया जाये क्योंकि कार्य पूर्ण नहीं हुआ है तो ये जनता के किसी काम का नहीं है इसलिये इसका भुगतान कार्य करवाने वाले व रुकवाने वाले लोगों की कमाई से करवाना चाहिये ।

रमोला ने यह भी कहा कि जी20 के नाम पर शहर से अतिक्रमण भी हटाया जा रहा ह,ै जो कि सराहनीय कार्य है परन्तु अतिक्रमण की कार्यवाही में स्थानीय प्रशासन द्वारा भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है गरीब ठेली, फड़ वालों और अपने स्थान पर बैठे कच्चे निर्माण को तो हटाया जा रहा है परन्तु कई स्थान पर रसूख़ दार को छोड़ा जा रहा है जोकि न्यायोचित नहीं है।

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