उत्तराखंड

केदारनाथ में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का विरोध, बगैर दर्शन के लौटे

श्री केदारनाथ। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित एवं हक हकूकधारियों के कड़े विरोध से रूबरू होना पड़ा। उन्हें बगैर दर्शन के लौटने को मजबूर होना पड़ा। , भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत को देवस्थानम बोर्ड को लेकर तीर्थ पुरोहितों के तीखे विरोध का सामना करना पड़ा।

सोमवार को पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत श्री केदारनाथ धाम पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि सभी यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे की तैयारियों को देखने आए थे।
इसकी भनक लगते ही देवस्थानम एक्ट के विरोध में आंदोलनरत तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी एकत्रित हो गए। तीर्थ पुरोहितों ने पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत को केदारपुरी में नहीं घुसने दिया। प्रशासन ने काफी प्रयास किए। मगर, तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी नहीं माने।

इस दौरोनों कुछ लोग सड़कों पर लेट गए। आरोप लगाया कि पूर्व सीएम ने एक साजिश के तहत देवस्थानम एक्ट लागू कराया। इसका हर स्तर पर विरोध होगा। तीर्थ पुरोहितों का दावा है कि पूर्व सीएम को बगैर दर्शन के लौटना पड़ा।
इसके अलावा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत को भी तीर्थ पुरोहितों के तीखे विरोध का सामना करना पड़ा। तीर्थ पुरोहितों ने दोनों के सामने आरोप लगाया कि भाजपा धर्म विरोधी पार्टी है।

वो हिंदु धर्म और उसकी परंपराओं को सिर्फ वोट के लिए उपयोग करते हैं। इस दौरान तमाम तीखी बातें भाजपा के लिए तीर्थ पुरोहितों ने कही। दावा किया कि दोनों नेताओं ने भरोसा दिया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री से वार्ता करेंगे।

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