उत्तराखंड

पुलिस स्मृति दिवस पर पुलिस कर्मियों की 4600 ग्रेड पे की मांग पूरी

देहरादून। पुलिस स्मृति दिवस पर प्रदेश सरकार ने पुलिस कर्मियों की 4600 ग्रेड पे की मांग को पूरा करने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के इस ऐलान से पुलिस और उनके परिजनों में खुशी का माहौल है।

ेगुरूवार को पुलिस लाइन में शहीद पुलिस जवानों को श्रृद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग और पुलिस कर्मियों की बेहतरी के लिए तमाम घोषणाएं की। पुलिस कर्मियों के लिए तमाम घोषणाएं की। इसमें 2001 की भर्ती के पुलिस कर्मियों को 4600 ग्रेड पे देने की घोषणा भी शामिल है। इसको लेकर पुलिस कर्मियों के परिजन भी कई बार सड़कों पर उतर आए थे।

तमाम राजनीतिक, सामाजिक और कर्मचारी संगठन भी इस मामले में पुलिस कर्मियों के साथ खड़े थे। इस दबाव के बाद आखिरकार सरकार ने पुलिस कर्मियों के 4600 ग्रेड पे की मांग को पूरा कर ही दिया। इसके अलावा भी मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग और पुलिस कर्मियों की बेहतरी के लिए तमाम घोषणाएं की।

इसमें ईनामी अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु पुरस्कार धनराशि में वृद्धि किये जाने, शहीद पुलिस कर्मियों के नाम पर स्कूल/सड़क का नामकरण किये जाने, पुलिस विभाग के प्रशिक्षण केन्द्रों में अतिथि वार्ताकारों के मानदेय में उत्तराखण्ड प्रशासनिक अकादमी नैनीताल की भाँति वृद्धि करने, देहरादून में राज्य पुलिस संग्रहालय/मेमोरियल की स्थापना करने के साथ ही 2001 बैच के पुलिस आरक्षियों को 4600 ग्रेड पे दिये जाने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा व कानून व्यवस्था बनाए रखने का उत्तरदायित्व राज्यों की पुलिस बल व अर्द्धसैनिक बलों का है। अपने इस उत्तरदायित्व को निभाते हुए पुलिस कर्मी अपने जीवन की आहुति को भी तत्पर रहते हैं। अपने कर्तव्य पालन के दौरान प्राणों की आहुति देने वाले ये पुलिस कर्मी हम सब के लिए प्रेरणा के स्रोत है। सम्पूर्ण भारतवासी अपने शहीद पुलिस कर्मियों व अर्द्ध सैनिक बलों को हार्दिक श्रद्धांजलि देते हुए नतमस्तक हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के दिन हम इन पुलिस कर्मियों के परिजनों के प्रति भी अपनी हार्दिक संवेदनाएं प्रकट करते हैं। आज पूरा विश्व आतंकवाद और कोविड-19 महामारी से जूझ रहा है। उत्तराखण्ड पुलिस के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा अपनी जान की परवाह किए बिना कोविड-19 महामारी के नियंत्रण में सराहनीय कार्य किया।

जिसमें पुलिस के बहुत से अधिकारी और कर्मचारी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं तथा 13 पुलिस कर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित होने से मृत्यु को प्राप्त हुए हैं। उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा कोविड-19 महामारी के नियंत्रण में किये जा रहे सराहनीय कार्य के अंर्तगत पुलिस विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मी से निरीक्षक स्तर तक के कार्मिकों को 10,000 रूपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विगत एक वर्ष में सम्पूर्ण भारत में कुल 377 अर्द्ध सैनिक बलों एवं विभिन्न राज्यों के पुलिस कर्मी शहीद हुए। जिसमें उत्तराखण्ड पुलिस के 03 वीर सपूतों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। उत्तराखण्ड राज्य की अन्तर्राष्ट्रीय सीमायें नेपाल, चीन एवं अन्तर्राज्जीय सीमायें हिमाचल प्रदेश व उत्तर प्रदेश से मिलती है।

यह प्रदेश भौगोलिक एवं सामरिक महत्व के दृष्टिगत राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अत्यन्त संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण है। उत्तराखण्ड पुलिस के समक्ष कई चुनौतियाँ हैं, जिनमें बड़े त्यौहार, चारधाम यात्रा, आपदा, भूस्खलन, कांवड़ यात्रा आदि हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस कर्मी वर्दीधारी संगठन में होने के कारण अनुशासन में बंधे रहते हैं। कठोर एंव विपरीत परिस्थितियों में चुनौतीपूर्ण कार्यों का निवर्हन करते हैं। प्रदेश के विकास एवं शान्ति व कानून व्यवस्था बनाये रखने में राज्य पुलिस बल की महत्वपूर्ण भूमिका है।

प्रदेश शासन पुलिस कर्मियों को अपने दायित्यों का निर्वहन करने हेतु उनकी कल्याणकारी योजनाओं/सुविधाओं पर विशेष ध्यान रख रहा है। स्मार्ट पुलिस बनाने का जो विजन माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का है, उसको पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी ने पुलिस के लिए ठीक ही कहा हैः-’’अपनों के लिए हर वादे तोड़ के आया हूँ, मैं खाकी हूँ….आपके लिए अपनों को रोता छोड़ के आया हूँ’’।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, गणेश जोशी, मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा, विधायक  हरवंश कपूर, श्री खजान दास, कुंवर प्रणव सिंह चेम्पियन, विनोद चमोली, सांसद श्नरेश बंसल, मुख्य सचिव डॉ0 एस.एस.सन्धू, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, आनन्द वर्धन, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, आयुक्त गढ़वाल रविनाथ रमन, सचिव डॉ. रणजीत सिन्हा ने शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

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