उत्तराखंड के 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव हेतु आरक्षण का शासनादेश जारी
ऋषि टाइम्स न्यूज
देहरादून। उत्तराखंड राज्य के 13 में से 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। आरक्षण का शासनदेश जारी हो गया है। सभी प्रकार/श्रेणी में आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा। आरक्षण का निर्धारण 2011 की जनसंख्या के आधार पर किया जा रहा है।
आखिरकार राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। करीब साल भर बाद सरकार ने इस दिशा में कदम उठाया है। त्रिस्तरीय पंचायतों में आरक्षण के लिए शासन ने आदेश जारी कर दिया। एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा। वहीं, जिला पंचायतों में सात, क्षेत्र पंचायत प्रमुख में 48 और ग्राम पंचायतों में प्रधान पद के लिए 3909 पद महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे।
शासन की इस गाइड लाइन के मुताबिक जिला प्रशासन ने पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, बीडीसी, ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत सदस्य और जिला पंचायत अध्यक्ष पद हेतु आरक्षण जारी कर आपत्तियां आमंत्रित कर दी हैं। राज्य स्तर पर आरक्षण प्रस्तावों का अंतिम प्रकाशन 18 जून 2025 को किया जाएगा।
पंचायतों में आरक्षण के लिए जारी शासनादेश के मुताबिक राज्य के 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायतों के 2025 के चुनाव के लिए पदों एवं स्थानों पर आरक्षण का निर्धारण वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर किया जाएगा। जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर अनुसूचित जाति के लिए दो एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए दो पर आरक्षित किए जाएंगे।
क्षेत्र पंचायत प्रमुख के पदों पर अनुसूचित जनाति के लिए तीन, अनुसूचित जाति के लिए 18 और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 15 पद आरक्षित होंगे। जबकि ग्राम पंचायत प्रधान के पदों पर अनुसूचित जनाति के लिए 226 पद, अनुसूचित जाति के लिए 1467 एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 1250 पद आरक्षित किए गए हैं।