अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ निषेध दिवस पर स्वास्थ्य सचिव ने दिलाई अधिकारियों को
ऋषि टाइम्स न्यूज
देहरादून। समाज से नशे के उन्मूलन हेतु एकजुट प्रयास की जरूरत है। इस दिशा में हर स्तर पर गंभीरता से प्रयास होने चाहिए।
ये कहना है राज्य के स्वास्थ्य सचिव एवं उत्तराखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति परियोजना निदेशक डॉ आर राजेश कुमार का। सोमवार को अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ निषेध दिवस पर स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय में प्रदेश भर से भौतिक व वर्चुअल माध्यम से जुड़े अधिकारियों व कर्मचारियों को नशा मुक्ति पर शपथ दिलाते हुए कहा कि इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ निषेध दिवस की थीम पीपल फर्स्ट, स्टॉप स्टीकमा एंड डिस्क्रिमिनेशन, स्ट्रेंथन प्रिवेंशन है।
स्वास्थ्य सचिव ने नशे से होने वाले नुकसान के बारे में तथा इसे समाज से दूर करने के बारे में जानकारी दी व सभी मौजूद अतिथि गणों को नशे के विरुद्ध शपथ दिलाई गयी। स्वास्थ्य सचिव ने अपील की है कि वे नशे से दूर रहें। नशा एक धीमा जहर है जिससे खुद भी बचें तथा अपने बच्चों को भी सुरक्षित रखें। किसी भी प्रकार के लालच में आकर नशा तस्करी न करें।
कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ निषेध दिवस का उद्देश्य नशे से विशेषकर युवावर्ग का जीवन बचाने और ड्रग्स के प्रति लोगो को जागरूक किया जाना है। उन्होंने कहा नशे के सबसे अधिक शिकार युवा हैं और नशे की लत से व अपने भविष्य को दिशाहीन बना देते हैं। बहुत से युवाओं में सुई से नशा करने का प्रचलन बढ़ा है जिस कारण समाज में एच.आई.वी. संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। इसलिए उनको जागरुक होना बहुत आवश्यक है तभी वे इस बुरी आदत से स्वयं को सुरक्षित रख पाएंगे।
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि केंद्रीय सरकार ने मादक और नशीले पदार्थ अधिनियम के अंतर्गत नशीली दवाओं का प्रयोग करने वाले लोगों की पहचान, उपचार और उनके पुर्नवास का प्रबंध किया है। ओपियाइड सब्सटिट्यूशन थैरेपी (ओ.एस.टी.) निर्धारित उपचार है जिसका उपयोग मादक पदार्थ पर निर्भरता को कम करने के लिए होता है। यह इलाज एच.आई.वी. संक्रमण होने एवं इसके फैलने के खतरे को कम करता है। यह सुई से नशा करने के जोखिमपूर्ण उपयोग से शरीर को होने वाले नुकसानों को कम करता है एवं नशीली दवाओं के प्रति तीव्र इच्छा को कम करने में मदद करता है।
कार्यक्रम में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ विनीता शाह, निदेशक डॉ सरोज नैथानी, अपर परियोजना निदेशक डॉ अजय कुमार नगरकर, डॉ अमित शुक्ला, डॉ मंयक बडोला, डॉ पकंज कुमार सहित अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे।