देवस्थानम एक्ट समाप्त नहीं किया तो चुनाव में भुगतेगी भाजपा
ऋषिकेश। देवस्थानम एक्ट 30 नवंबर तक समाप्त नहीं किया गया तो भाजपा को 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारियों ने इसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
गुरूवार को चारधाम तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत के पदाधिकारियों ने मीडिया से बातचीत की। महापंचायत के अध्यक्ष कृष्ण कांत कोटियाल ने कहा कि तीर्थ पुरोहित 30 नवंबर तक का इंतजार कर रहे हैं। दो टूक कहा कि देवस्थानम एक्ट 30 नवंबर तक समाप्त नहीं किया गया तो तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी सड़कों पर उतरेंगे। विधानसभा सत्र गैरसैंण में हो या देहरादून में घिराव किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अभी तक देवस्थानम समाप्त करने को लेकर किए गए वादों में सरकार झूठी साबित हुई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आश्वासन पूरा नहीं किया गया तो 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
कहा कि जल्द ही तीर्थ पुरोहित देश भर में अपने यजमानों को भाजपा सरकार द्वारा तीर्थों पर किए जा रहे अतिक्रमण के बारे में पोस्टकार्ड भेजेगी। इसकी व्यापक तैयारी की गई हैं। सोशल मीडिया का भी उपयोग किया जाएगा।
यही नहीं 2022 के चुनाव में भाजपा की सीधी खिलाफत की जाएगी। राज्य की 15 सीटों पर तीर्थ पुरोहित प्रत्याशी खड़े करने पर विचार कर रहा है। इसमें तमाम राजनीतिक दलों का भी तीर्थ पुरोहितों का साथ मिलेगा।
इसके माध्यम से लोगों को बताया जाएगा कि हम भाजपा के वोट बैंक बनें रहे और भाजपा सरकार में आने पर उन्हें ही उजाड़ने का काम कर रही है। एक सवाल के जवाब में महापंचायत के पदाधिकारियों ने कहा कि एक्ट पर चर्चा को लेकर सरकार भ्रम फैला रही है।
कहा कि उत्तराखंड के चार धामों पर देश के मैदानी भागों में स्थित धामों की तुलना ठीक नहीं है। एक अन्य सवाल पर हाईपावर कमेटी के अध्यक्ष मनोहर कांत ध्यानी पर किसी प्रकार की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
कहा कि जिस प्रकार की बात मीडिया के माध्यम से सामने आई हैं वो तीर्थ पुरोहितों को अपमानित करने वाली हैं। इसको लेकर तीर्थ पुरोहितों में नाराजगी है।
इस मौके पर महामंत्री हरीश डिमरी, कोषाध्यक्ष लक्ष्मी नारायण जुगडाण, केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला, उमेश चंद पोस्ती, देवेंद्र कुमार शर्मा, संतोष ि़त्रवेदी, अखिलेश कोटियाल, कुवेरनाथ पोस्ती आदि मौजूद थे।